बाल यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ भारत का विधिक परिदृश्यः झाँसी जिले में पॉक्सो अधिनियम की प्रभावशीलता का अध्ययन

Authors

  • ज्योतस्ना सिंह एव डा0 प्रशांत मिश्रा Author

Keywords:

बाल यौन शोषण, पॉक्सो अधिनियम, झांसी जिला, कानूनी कार्यान्वयन, सामाजिक कलंक

Abstract

यह शोध पत्र भारत में बाल यौन शोषण के खिलाफ कानूनी ढांचे का आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 की प्रभावशीलता पर केंद्रित है। अध्ययन अधिनियम के प्रावधानों, कार्यान्वयन और चुनौतियों का अनुभवजन्य जांच के माध्यम से विश्लेषण करता है, जिसमें दस्तावेज विश्लेषण, साक्षात्कार, सर्वेक्षण और केस स्टडी जैसे मिश्रित तरीकों का उपयोग किया गया है। निष्कर्ष बताते हैं कि पॉक्सो अधिनियम एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है, लेकिन झांसी में इसका कार्यान्वयन कम दोषसिद्धि दर (29 प्रतिशत), सामाजिक कलंक, पुलिस की अपर्याप्त संवेदनशीलता और सीमित पुनर्वास सेवाओं के कारण बाधित है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कम (22 प्रतिशत) और मामले अधिक (65 प्रतिशत) हैं। पत्र नीतिगत सुझाव प्रस्तुत करता है, जिसमें पुलिस प्रशिक्षण, सामुदायिक जागरूकता अभियान और बेहतर पुनर्वास सेवाओं को शामिल किया गया है, ताकि बाल संरक्षण को मजबूत किया जा सके। यह सामाजिक-कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

Published

2025-05-06

How to Cite

बाल यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ भारत का विधिक परिदृश्यः झाँसी जिले में पॉक्सो अधिनियम की प्रभावशीलता का अध्ययन. (2025). Le Refuge Du Rishi- Aditi, 5(1). https://centreaditi.com/index.php/aditi/article/view/5